किसी भी सज्जन इंसान के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए - रामकुमार सेवक
निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी कहा करते थे -  नर सेवा, नारायण पूजा         वे सज्जन दिल्ली के मालवीय नगर में रहते थे |मालवीय नगर में जो सन्त निरंकारी पब्लिक स्कूल है उसमें अपनी सेवाएं भी देते थे |      ये सज्जन उत्तर प्रदेश के जिला मुज़फ्फर नगर से सम्बंधित हैं |सीधी बस नहीं मिली तो पहले मेरठ गए और फिर …
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क़ामिल मुरशद की दृष्टि का प्रभाव -रामकुमार सेवक
सोमवार को महात्मा एक घटना का जिक्र कर रहे थे | श्री दलबीर सिंह जी अपने विचार प्रकट करते हुए कह रहे थे कि निरंकारी कॉलोनी में एक महात्मा आये | शायद बिहार से आये थे |उनकी गोद में एक छोटा बालक था | मेरे पूछने पर उन्होंने बताया कि-बच्चे के पैरों में बहुत सूजन है ,यहाँ तक कि डॉक्टर ने घुटनो के नीचे से …
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जिसे भी मुस्कुराता देखो, उसे एक गुलाब दे देना और मुस्कान का जवाब है मुस्कान
-  रामकुमार 'सेवक'      आदेश तो गुरु जी ने यही दिया था कि जिसे भी मुस्कुराता देखो उसे एक गुलाब दे देना लेकिन हर किसी को मुस्कुराने की सौगात कहाँ मिल पाती है| जिसके दिल में ख़ुशी होगी वही तो मुस्कुराएगा क्यूंकि विद्वानों ने कहा है-या तो दीवाना हँसे या तू जिसे तौफ़ीक़ दे ,वर्ना इस दुनिया में आक…
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मत बिन सोचे बोल... हृदय तराजू तोलिये फिर मुख बाहिर खोल
बचपन में बुजुर्गों से सुनते आये हैं-बोली तो अनमोल है मत बिन सोचे बोल  हृदय तराजू तोलिये ,फिर मुख बाहर खोल  बुजुर्गों ने हमें यही समझाया है लेकिन इंसान बिना सोचे बोलता रहता है |कल महात्मा एक प्रसंग सुना रहे थे  कि एक आदमी के पास आटा तो था लेकिन घर पहुँचने में उसे काफी समय लग सकता था | उसने सोचा …
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फिर पवित्र कैसे हुए ?
जहाँ तक मुझे स्मरण है मेरे साहित्यिक गुरुओं में से एक महात्मा जे.आर.डी.सत्यार्थी जी ने अपनी पुस्तक अंधकार से प्रकाश की और में लिखा है कि एक सज्जन को अपनी विद्वता का बहुत अहंकार था |वे जानते थे कि कबीर जी पढ़े लिखे नहीं हैं इसलिए वे उन पर अपनी विद्वता की धाक जमाना चाहते थे जबकि कबीर दास जी सहज जीवन ज…
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