उन्होंने पूछा - हिन्दू हो या मुसलमान ?
- रामकुमार सेवक  बुल्ले शाह जी प्रभु के आशिक ,मस्त फ़कीर थे |उनका निरंकार से सीधा रिश्ता था |उनके पीर-ओ-मुरशद का नाम था-शाह इनायत |         मुझे एक कहावत,जो बुल्ले शाह जी कहा करते थे ,कहते थे,याद आ रही है जिसे मैंने बाबा हरदेव सिंह जी के श्रीमुख से सुना था-         शाह इनायत मुरशद मेरा जिसने कीता मै…
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सरल और सहज होना सबसे बड़ी शिक्षा
- रामकुमार सेवक            सत्संग में आने वालों की संख्या निरंतर कम हो रही थी जबकि भारत में धर्म ही एक ऐसा क्षेत्र है जिसकी पूछा कभी कम नहीं होती |प्रबंधको के लिए यह लगातार चिंता का कारण बना हुआ था कि लोग अब कहाँ जा रहे हैं|         ज्ञात हुआ कि नदी के उस तरफ तीन सन्त निवास करते हैं ,लोग उनके सत्सं…
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सर्पपाश से मुक्त होने की क्षमता भी राम ही देता है
-  रामकुमार 'सेवक'  गरुड़ के मन में भ्रम आ गया कि ये कैसे भगवान के अवतार हैं जिन्हें मुक्त करने के लिए मेरी सेवाओं की ज़रुरत पडी है |अगर ये नारायण भगवान विष्णु के अवतार रहे होते तो उन्हें गरुड़ की सेवाओं की आवश्यकता न पड़ती | गरुड़ अभी यह सब सोच ही रहा था कि रोम-रोम में बसने वाले राम का ध्यान आ …
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बाबा अवतार सिंह जी ने कहा कि सुनने का बीज डालिये तो बाकी भी आपकी बात ध्यान से सुनेंगे
- रामकुमार 'सेवक'      अक्सर मेरे जैसे लोगों की यह कमजोरी होती है कि अगर कोई थोड़ी सी भी प्रशंसा कर दे तो आपै से बाहर हो जाते हैं,और थोड़ी सी भी आलोचना अगर कोई कर दे तो क्रोधित हो जाते हैं |यह क्रोध कभी कभी ऐसी स्थिति उत्पन्न कर देता है कि झगडे -फसाद की नौबत आ जाती है इसलिए सन्तों ने सहज रहने…
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