उन्होंने कहा-कोई गुरु की बात तो मानता नहीं इसलिए सत्संग में जाना छोड़ा - रामकुमार सेवक
को ई सज्जन सत्संग में नहीं आ रहे थे जबकि कुछ समय पहले तक वे नियमित रूप से सत्संग में आते थे |एक दिन मैंने पूछा -भाई साहब ,आजकल आपके दर्शन नहीं हो रहे हैं जबकि आपको देखकर कई नौजवान सत्संग में आने शुरू हुए थे | वे कुछ मायूस स्वर में बोले - लोग बाबा जी की बात मानते ही नहीं ,क्या किया जाए ?इस स्थिति मे…
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ये सब छतरियां लेकर आये हैं इसीलिए बारिश हुई है..
प्रोफेसर राजन सचदेवा जी एक बार बाबा गुरबचन सिंह जी को याद करते हुए फरमा रहे थे कि गर्मियों के दिन थे |गर्मी के दिनों में अक्सर बरसात ही याद आती है लेकिन बारिश इंसान के नियंत्रण में नहीं है |बरसात तो मालिक की कृपा से ही आती है | घटना पंजाब के किसी स्थान की है |बाबा गुरबचन सिंह जी का युग था |बाबा जी …
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निरंकार का संचार तंत्र अथवा चमत्कार
-  रामकुमार सेवक               अशरीरी आत्माओं के बारे में मैंने पढ़ा तो बहुत है |तंत्र -मंत्र की घटनाएं,यदि वे सत्य हों तो उन्हें  पढ़ने में मज़ा भी आता है |मैं जब 9वी कक्षा में पढता था तो उन दिनों मैंने संत इश्वर सिंह जी राड़ेवाले के बारे में पढ़ा था |हालांकि ब्रह्ज्ञान तब मैं प्राप्त कर चुका था लेकिन …
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उस दोस्त को दोस्त कैसे कहें ?
उस दोस्त को दोस्त कैसे कहें ?                प्रस्तुति--रामकुमार सेवक    हम उन दिनों साकेत के क्षेत्र में रहते थे |हमारे मकान से बस स्टैंड कुछ दूर था |तब मेरी आयु भी कम थी |अब मेरी आयु पचास वर्ष हो चुकी है |तब मेरी आयु 9 वर्ष रही होगी | गर्मी का मौसम था ,मुझे जोरों की प्यास लगी थी ,मेरा ध्यान अपन…
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